पथ कर्म का तैयार कर

तू देखता है राह किसकी यूं अकेले बैठ के,
मत भीख में तू मांग सुख कठिनाईयों से हार कर
है प्रमाण तेरी योग्यता की ये सभी कठिनाईयां
हर एक प्रयास अमूल्य है, पथ कर्म का तैयार कर |

तेरी सोंच में वो शक्ति है जो नियति का पथ पलट दे
तेरे कल्पना के बीज से ही जन्म ले नयी सभ्यता
तू भाग्य अपना खुद रचे, अनभिज्ञ है दुर्भाग्य से
संघर्ष में सम्मान है, इसे गर्व से स्वीकार कर |
पथ कर्म का तैयार कर |

क्यों निराश मन की वेदना में जल रहा अस्तित्व है
मत भूल तेरे आज में है गर्भ कल का पल रहा
प्रतिबिम्ब में तू अतीत के परछाईयों को न पकड़
परछाईयों से निकल कर इस जन्म का उद्धार कर |
पथ कर्म का तैयार कर |

संकल्प ले तू प्रयास का, जब तक सफलता न मिले
तेरा कर्म तेरी शक्ति है, बढ़ चेतना को कर प्रबल
तू पराक्रमी, तू साहसी, तू अजेय, तू अद्वितीय है
कर सामना हर कष्ट का, सब अड़चनों को पार कर |

पुरुषार्थ का यह यज्ञ है, पथ कर्म का तैयार कर | 
पथ कर्म का तैयार कर |

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