दौलत की गठरी
दोस्ती एक बड़ा संवेदनशील और जीवंत रिश्ता है. ये जितना कम परिभाषित और औपचारिक व्यवस्था से परे है, उतना ही गहरा और भावना-प्रधान रिश्ता है. इस रिश्ते का एक बड़ा ही रोचक कथानक है साधारण वर्ग के दोस्तों के गुट में किसी एक दोस्त का अचानक बड़ा अमीर बन जाना और फिर वो अमीरी अपने साथ बहुत सारे बदलाव लेके आती है. इसी कथानक पर चार पंक्तियाँ प्रस्तुत हैं: बड़ी भारी है तुम्हारी दौलत की गठरी, जरा संभाल के उठाना कुछ फक्कड़ दोस्ती के पन्ने, और कुछ आज़ाद लम्हे होंगे नीचे | तुम्हे तो अब शायद इनकी ज़रूरत न हो मगर फिर भी, छू लेना इन्हें जो अकेले हो जाओ कभी अपनी नई दुनिया मे | ---------------------------- गठरी = bag फक्कड़ = carefree - राकेश