Posts

Showing posts from January, 2010

नए वर्ष का मंगल स्वागत

पल पल कर के आखिर फिर से, साल पुराना गुजर गया एक बार फिर सुबह हुई तो नया नया उत्साह भर गया नया नया सा क्या है इसमे, क्यों अज्ञात ख़ुशी है मन में  यहीं सोंच कर खोया हूँ मैं, झांक रहा हूँ मन दर्पण में  नए साल का पहला दिन भी, बीत चला है न जाने कब नए वर्ष की नयी रोशनी, चलो नया आरम्भ करें सब