ॐ नमो गं गणपतए शत कोटि नमन गणपति बप्पा

 



गणेश चतुर्थी के उत्सव पर गणपति की अनुकम्पा ही रही होगी जो मेरे मन में उनकी स्तुति लिखने का आविर्भाव हुआ. शुरुआत की और कुछ दिनों में ये पूरी हुई. ये मेरे सृजन का समापन ही मेरा गणपति विसर्जन है, इस स्तुति को श्री गणेश जी के चरणों में समर्पित करता हूँ. 

ॐ 

हे एकदंत तुम दिग दिगंत तुम दयावंत गणपति बप्पा

हे सिद्धिविनायक विघ्नेश्वर सब विघ्न हरो, गणपति बप्पा

तुम ज्ञानमयी विज्ञानमयी तुम कालजयी गणपति बप्पा

हे प्रमथपती परब्रह्म प्रकट प्रत्यक्ष प्रणव गणपति बप्पा

अर्धेंदु लसित हे वक्रतुंड तुम प्रथम पूज्य गणपति बप्पा

तुम कोटि सूर्य से दीप्त प्रभू तुम ज्ञानपुंज गणपति बप्पा

गण भूत चराचर सकल सृष्टि के मूल तुम्ही गणपति बप्पा

तुम निर्विकार नित नवचेतन साक्षात ब्रह्म गणपति बप्पा

करबद्ध दंडवत नतमस्तक हम द्वार तेरे गणपति बप्पा

चित रूप धरो सब त्रास हरो उद्धार करो गणपति बप्पा

तुम त्रिगुण त्रिलोक त्रिकाल परे गौरीनंदन गणपति बप्पा

मोदक का करते भक्तिभोग मन मुग्ध मगन गणपति बप्पा

सम्पूर्ण सृष्टि पर कृपादृष्टि की वृष्टि करो गणपति बप्पा

शिवपुत्र मनोहर स्वयंसिद्ध करुणावतार गणपति बप्पा

गणराज गजानन गणनायक गजशूर्पकर्ण गणपति बप्पा

शतकोटि नमन हम शरणागत कल्याण करो  गणपति बप्पा

सब ज्ञात तुम्हे कण कण जग का हे गणाधीश गणपति बप्पा

बन सखा भक्त के रहें सहज जिज्ञासु सदा गणपति बप्पा

हम तुच्छ तपोबलहीन दीन तमग्रसित भक्त गणपति बप्पा

श्रद्धा के सुमन समर्पित हैं स्वीकार करो गणपति बप्पा

ॐ नमो गं गणपतए शत कोटि नमन गणपति बप्पा


- राकेश 

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