होली 2021



गालों के इंतज़ार में तरसें न जो गुलाल
सूखी रहे चुनरी तो क्या पिचकारियों की शान
है तेज़ हवाओं में नरम धूप की गरमी
ठंडाई चढ़े भांग तो होली में आये जान

गुझियों में सिंक रही है रिश्तों की चाशनी
कोई खा के मौज में तो कोई देख के ही मस्त
कहीं रंग की बौछार तो कहीं ढोल मजीरे
होली की टोलियों में है हुड़दंग जबरदस्त


दामन पे लगे दाग न रंगों की ओट में
रिश्तों की हर इक गांठ को होली में दहन कर
होली तो सब की एक पर किस्से हैं हज़ारों
रंगों की इस बरसात में धुल जाने दो नज़र


गली गली में गूंज रहे हैं झांझ मंजीरे ढोलक ताली
याद रहेगी होली अपनी जीवन भर ये मस्ती वाली

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