सत्ता का संग्राम
पहले चुनाव की भाषणबाजी, फिर चुनाव, फिर चुनाव की चर्चा और फिर चुनाव के नतीजों के पहले की गहमा गहमी ....
अटकलों का वक़्त गया अब फैसले की बारी है
न जाने इस बार कौन से उलटफेर की तैयारी है
न जाने इस बार कौन से उलटफेर की तैयारी है
हवाएँ बड़ी बेचैन हैं एक एक पल आज भारी है
कल आसमां का रंग क्या होगा ज़मीं की कशमकश जारी है
- राकेश
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